Description
अप्रतिम सौंदर्य की देवी, डांस की मल्लिका, शानदार कॉमेडियन और अदाकारा - यूँ ही नहीं श्रीदेवी ने पुरुषप्रधान बॉलीवुड और बॉक्स ऑफ़िस पर पहली सुपरस्टार नायिका होने का तमगा हासिल किया। श्रीदेवी में ऐसा क्या था जिससे दर्शक उनके मुरीद बने रहे? पाँच भाषाओं की सैंकड़ों फ़िल्मों में काम करते हुए हिम्मतवाला, चालबाज़, मून्द्रम पिरई, नगीना, क्षण क्षणम, मिस्टर इंडिया, सदमा, चांदनी और लम्हे जैसी शानदार हिट फ़िल्में दीं?
लेकिन श्रीदेवी को ये मुकाम इतनी आसानी से नहीं मिला। बॉलीवुड में श्रीदेवी को ‘बाहरवाली’ और ‘मिस थंडर थाइज़’ कहा गया। एक बार नहीं, श्रीदेवी ने कई-कई बार अपनी अदाकारी और अपनी शख़्सियत बदली - कभी सफ़ेद सलवार कमीज़ में चांदनी बनकर, तो कभी चालबाज़ में अंजू और मंजू के डबल रोल को नए आयाम देते हुए। लेकिन शादी और बच्चों के लिए इस सुपरस्टारडम को जितनी आसानी से उन्होंने अलविदा कह दिया, उतनी ही आसानी से इंग्लिश विंग्लिश के यादगार रोल के साथ अपनी वापसी भी की।
ये किताब जितनी श्रीदेवी के बनने की, उनकी जद्दोजेहद और संघर्षों की कहानी है, उतनी ही एक स्त्री और एक नायिका के रूप में श्रीदेवी को दी गई श्रद्धांजलि है।
अप्रतिम सौंदर्य की देवी, डांस की मल्लिका, शानदार कॉमेडियन और अदाकारा - यूँ ही नहीं श्रीदेवी ने पुरुषप्रधान बॉलीवुड और बॉक्स ऑफ़िस पर पहली सुपरस्टार नायिका होने का तमगा हासिल किया। श्रीदेवी में ऐसा क्या था जिससे दर्शक उनके मुरीद बने रहे? पाँच भाषाओं की सैंकड़ों फ़िल्मों में काम करते हुए हिम्मतवाला, चालबाज़, मून्द्रम पिरई, नगीना, क्षण क्षणम, मिस्टर इंडिया, सदमा, चांदनी और लम्हे जैसी शानदार हिट फ़िल्में दीं?
लेकिन श्रीदेवी को ये मुकाम इतनी आसानी से नहीं मिला। बॉलीवुड में श्रीदेवी को ‘बाहरवाली’ और ‘मिस थंडर थाइज़’ कहा गया। एक बार नहीं, श्रीदेवी ने कई-कई बार अपनी अदाकारी और अपनी... Read More