Additional Information | |||
---|---|---|---|
Title | Humare Lokpriya Geetkar : Gopaldas Neeraj | Height | |
Author | Sherjung Garg | Width | |
ISBN-13 | 9789388684774 | Binding | PAPERBACK |
ISBN-10 | 9388684774 | Spine Width | |
Publisher | Vani Prakashan | Pages | |
Edition | Availability | In Stock |

Supplemental materials are not guaranteed for used textbooks or rentals (access codes, DVDs, CDs, workbooks).
Humare Lokpriya Geetkar : Gopaldas Neeraj
Author: Sherjung Garg
गोपालदास नीरज को हिन्दी कवि-सम्मेलनों में बच्चन के बाद सर्वाधिक लोकप्रिय कवि होने का गौरव प्राप्त रहा है। ‘कारवाँ गुजर गया, गुबार देखते रहे’, और ‘देखती ही न दर्पण राहे प्राण तुम, प्यार का यह मुहूरत निकल जाएगा’ जैसे गीतों ने नीरज को प्रत्येक काव्य-प्रेमी के घर का एक मशहूर नाम बना दिया है। स्थिति यह है कि आज भी नीरज की लोकप्रियता का स्पर्श करनेवाला कोई कवि भारतीय काव्य-मंच पर मौजूद नहीं है। उन्होंने जन सामान्य के हृदय का स्पर्श करने वाले गीत लिखे ही नहीं, उन्हें मर्मस्पर्शी वाणी में प्रस्तुत भी किया। प्रेम की सहज कोमल अनुभूतियों को सामाजिकता का जामा पहनाकर उन्होंने काव्य-प्रेमियों के जीवन में हलचल मचा दी। नीरज का हृदयस्पर्शी काव्य-पाठ आज उत्कृष्ट मानक का रूप धारण कर चुका है।