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Title | Bahu Mange Insaf/बहु मांगे इंसाफ़ | Height | |
Author | Ved Prakash Ved | Width | |
ISBN-13 | 9789353493509 | Binding | PAPERBACK |
ISBN-10 | 9353493509 | Spine Width | |
Publisher | Hind Pocket Books | Pages | 360 |
Edition | Availability | Out Of Stock |

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Bahu Mange Insaf/बहु मांगे इंसाफ़
Author: Ved Prakash Ved
बहू मांगे इंसाफ़ कविता नामक एक मध्यवर्गीय परिवार की युवती की कहानी है, जिसका विवाह एक धनी परिवार में कर दिया जाता है। लेकिन उसका ससुर हरनामदास, सास सुलक्षणादेवी, ननद रेखा, जेठ जसवंत और पति मनजीत उसे दहेज में कार लाने के लिए परेशान करते हैं। जब दहेज की मांग पूरी नहीं हो पाती तो वे कविता की हत्या करने की योजना बनाते हैं और कविता की हत्या कर देते हैं। कविता की हत्या के बाद कार खरीदने के लिए एलआईसी से कविता की पॉलिसी का पैसा भी मिल जाता है, क्योंकि कोर्ट में कविता की हत्या आत्महत्या सिद्ध कर दी जाती है। लेकिन उसके बाद कविता की लाश कहां से आई