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Bahu Mange Insaf/बहु मांगे इंसाफ़

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बहू मांगे इंसाफ़ कविता नामक एक मध्यवर्गीय परिवार की युवती की कहानी है, जिसका विवाह एक धनी परिवार में कर दिया जाता है। लेकिन उसका ससुर हरनामदास, सास सुलक्षणादेवी, ननद रेखा, जेठ जसवंत और पति मनजीत उसे दहेज में कार लाने के लिए परेशान करते हैं। जब दहेज की मांग पूरी नहीं हो पाती तो वे कविता की हत्या करने की योजना बनाते हैं और कविता की हत्या कर देते हैं। कविता की हत्या के बाद कार खरीदने के लिए एलआईसी से कविता की पॉलिसी का पैसा भी मिल जाता है, क्योंकि कोर्ट में कविता की हत्या आत्महत्या सिद्ध कर दी जाती है। लेकिन उसके बाद कविता की लाश कहां से आई

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बहू मांगे इंसाफ़ कविता नामक एक मध्यवर्गीय परिवार की युवती की कहानी है, जिसका विवाह एक धनी परिवार में कर दिया जाता है। लेकिन उसका ससुर हरनामदास, सास सुलक्षणादेवी, ननद रेखा, जेठ जसवंत और पति मनजीत उसे दहेज में कार लाने के लिए परेशान करते हैं। जब दहेज की मांग पूरी नहीं हो पाती तो वे कविता की हत्या करने की योजना बनाते हैं और कविता की हत्या कर देते हैं। कविता की हत्या के बाद कार खरीदने के लिए एलआईसी से कविता की पॉलिसी का पैसा भी मिल जाता है, क्योंकि कोर्ट में कविता की हत्या आत्महत्या सिद्ध कर दी जाती है। लेकिन उसके बाद कविता की लाश कहां से आई
Additional Information
Title Bahu Mange Insaf/बहु मांगे इंसाफ़ Height
Ved Prakash Ved Width
ISBN-13 9789353493509 Binding PAPERBACK
ISBN-10 9353493509 Spine Width
Publisher Hind Pocket Books Pages 360
Edition Availability Out Of Stock

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