प्रस्तुत संकलन में संकलित कहानियां भारतीय मन के खुलासे की कहानियां हैं, जो कहीं अपनी जड़ों से जुड़ने की ललक रखती हैं, तो कहीं मुखौटों के उतरने की विवशता|
Additional Information | |||
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Title | MRIDULA GARG KI YAADGARI KAHANIYAN | Height | |
Author | Mridula Garg | Width | |
ISBN-13 | 9789353491062 | Binding | PAPERBACK |
ISBN-10 | 9353491062 | Spine Width | |
Publisher | Harpercollins Publisher | Pages | 208 |
Edition | MRIDULA | Availability | Out Of Stock |