Description
उन्मुक्त भारत राष्ट्र के गरीबी से संपन्नता की ओर जाने व एक छोर से दूसरे छोर तक फैले विचारों के संघर्ष की रोचक कहानी है। आज का भारत मुक्त बाजार तंत्र पर आधारित है और इसने अपने हाथ विश्वव्यापी सूचना अर्थव्यवस्था में भी आजमाने शुरू कर दिए हैं। पुराना नौकरशाही राज्य, जिसने उद्योगों के विकास को दबा रखा था वह भी अब ह्रास की ओर अग्रसर है। कुल मिलाकर यह पुस्तक समकालीन भारत का दर्पण है|
उन्मुक्त भारत राष्ट्र के गरीबी से संपन्नता की ओर जाने व एक छोर से दूसरे छोर तक फैले विचारों के संघर्ष की रोचक कहानी है। आज का भारत मुक्त बाजार तंत्र पर आधारित है और इसने अपने हाथ विश्वव्यापी सूचना अर्थव्यवस्था में भी आजमाने शुरू कर दिए हैं। पुराना नौकरशाही राज्य, जिसने उद्योगों के विकास को दबा रखा था वह भी अब ह्रास की ओर अग्रसर है। कुल मिलाकर यह पुस्तक समकालीन भारत का दर्पण है|